Tuesday, November 23, 2010

हिन्दू


30 सितम्बर को बाबरी मस्जिद का फैसला आया
है, हो सकता हे इस फैसले
से कुछ विवाद हो !
विभिन्न धार्मिक पार्टी
उकसाए , मंदिर और मस्जिद की बात करे, तब एक बात
याद रखना की दंगो में
मरने वाला ना हिन्दू होता है ना मुसलमान वो सिर्फ
किसी का भाई , बेटा ,
बाप या किसी के घर का चिराग होता है, वो सिर्फ और
सिर्फ इंसान होता है.
कोई हिन्दू या मुसलमान नहीं होता है और इसी
इंसानियत के नाते एस मेसेजे
को जितना हो सके फैला दो और बचा लो बेगुनाहों
को.

धन्यवाद
एक
भारतीय

rajendra singh chouhan advocate
mail rajendraadvbjp@gmail.com
सिहो नमस्ते, सर्व भारतीय बंधू भागिनिना दीपावलीच्या हार्दिक शुभेच्छार म.प्र

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